घर को बनाया कोविड अस्पताल!:निजी अस्पताल का कर्मचारी और एएनएम पत्नी कोरोना संक्रमितों का इलाज कर रहे थे

उज्जैन के ऋषि नगर निजी अस्पताल में काम करने वाले कर्मचारी और उसकी एएनएम पत्नी ने घर को ही अस्पताल बना दिया। कोरोना संक्रमित मरीजों का यहां वह इलाज कर रहे थे। मोहल्लों वालों ने शिकायत की तो तहसीलदार ने पहुंचकर कार्रवाई की। हालांकि घर मालिक का कहना है कि वह जिस मरीज का इलाज कर रहे है, वह उनका रिश्तेदार है।

उज्जैन का ऋषि नगर पहले से ही कोरोना संक्रमण को लेकर हॉटस्पॉट बना हुआ है। ऐसे में बड़ी लापरवाही सामने आई है। निजी अस्पताल में काम करने वाले कर्मचारी ने घर को ही अस्पताल बना दिया। साथ ही घर पर कोरोना संक्रमित मरीजों का इलाज करने लगा। इस बात की भनक जब पड़ोसियों को लगी तो उन्होंने इसकी खबर अफसरों को कर दी। इसके बाद रविवार को तहसीलदार ने ऋषिनगर के एफ 48 मकान में पहुंचकर कार्रवाई कर आरोपी के खिलाफ 188 में मामला दर्ज कर घर को कोरोना प्रोटोकॉल में सील करवा दिया। आरोपी की पत्नी भी स्वास्थ्य विभाग में है। अब इस बात की जानकारी ली जा रही है कि इस पूरे मामले में इसकी पत्नी का हाथ तो नहीं था।

पिछले एक पखवाड़े से अधिक समय से ऋषि नगर के एफ 48 निवासी रविंद्र सिंह के घर पर एम्बुलेंस और लगातार ऑक्सीजन सिलेण्डर के आने जाने की शिकायत रहवासियों ने की। रहवासियों ने बताया कि बीते 15 दिनों से ये सिलसिला जारी है। यहां रहने वाले रविंद्र उज्जैन के निजी अस्पताल में काम करता है और इसकी पत्नी मनीषा ठाकुर एएनएम है। पत्नी सरकारी कर्मचारी होकर अभी टीकाकरण में काम कर रही है। इनके घर पर कुछ कोरोना संक्रमितों का इलाज किय जा रहा है।

इस बात की सूचना मिलते ही तहसीलदार अभिषेक शर्मा ऋषि नगर स्थित घर पहुंचे। यहां आरोपी रवींद्र से जानकरी ले ही रहे थे कि उनके घर ऑक्सीजन के सिलेण्डर लेकर ऑटो पंहुच गया। इस पर तहसीलदार ने ऑटो वाले को भी रुकवा लिया। तहसीलदार अभिषेक शर्मा ने रवींद्र से पूछताछ की तो उसने बताया कि घर में एक ही मरीज है जो कि हमारे रिश्तेदार है। उनके घर पर जगह नहीं थी तो हम अपने घर ले आए।

रहवासियों ने घर के बाहर निकलकर विरोध प्रदर्शन किया। इसमें रहवासी रोबिन चोपड़ा ने बताया कि ये अपने किसी रिश्तेदार का इलाज घर में रह करें तो कोई बात नहीं लेकिन ये लोग अलग अलग मरीज लाकर इलाज कर रहे थे। इसको लेकर हमने शिकायत की थी। तहसीलदार अभिषेक शर्मा ने कहा कि फिलहाल घर में रविंद्र मिला है उससे पूछताछ की है। उनके घर गांव कनवास निवासी प्रेम कुंवर मरीज को घर में होना बताया है। मरीज को ये अपना रिश्तेदार बता रहे है। रविंद्र की पत्नी मनीषा ठाकुर नहीं मिली जो कि स्वास्थ्य विभाग में एएनएम है। उनके खिलाफ अगर सबूत मिले तो उन पर भी कार्रवाई की जाएगी। रविंद्र ने प्रशासन को बिना बताए कोरोना मरीज को अपने घर पर रखा इसलिए उसके खिलाफ धारा 188 में मामला दर्ज किया जा रहा है।

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